डी फार्मा क्या होता है [What is D.Pharma]
डी फार्मा का फुल फॉर्म “डिप्लोमा इन फार्मेसी” होता है | इस डिप्लोमा फार्मेसी कोर्स में फार्मेसी के लगातार बढ़ते क्षेत्र का मुलभुत ज्ञान प्रदान करना है | इस कोर्स की अवधी दो वर्ष की होती है | इसके अंतर्गत डिप्लोमा छात्रों को विभिन्न प्रकार के फार्मास्यूटिकल दवाओं के निर्माण के पीछे की बुनियादी प्रक्रिया के बारे में जानने को मिलता है | इसी के साथ आपको दवाई से जुड़ी हर तरह की जानकारी प्रदान की जाती है जैसे की दवाई कैसे बनती है , दवा कैसे संग्रहित की जाती है साथ ही दवा की खुराक का उपयोग कैसे किया जाता है और दवाओं की मार्केटिंग किस प्रकार की जाती है इससे जुड़ी सभी जानकारियां बताई जाती है क्योंकि फार्मेसी मूल रूप से एक स्वास्थ्य क्षेत्र है जिसमें नई नई दवाओं पर शोध कर उनमें सुधार करने की कोशिश करते हैं | डी फार्मा एक 2 वर्षीय पाठ्यक्रम होता है इस पाठ्यक्रम के पूरा होने के बाद, उम्मीदवार डी फार्मा के अधिकारी हो जाते हैं और दवाओं और फार्मास्यूटिकल कंपनियों में काम करने के लिए पात्र होते हैं।
डी फार्मा के लिए योग्यता – Eligibility For D.Pharma
डी.फार्मा करने के लिए आपके पास आवश्यक योग्यताएं होनी चाहिए जो कुछ इस प्रकार है ______
- आप सर्वप्रथम 12वीं कक्षा (इंटरमीडिएट) पास होना चाहिए |
- आपकी 12वीं कक्षा में कम से कम प्राप्त अंक 45% से 60 % होना चाहिए
- आप 12वीं कक्षा में PCB [Physics , Chemistry , Biology] या PCM [Physics , Chemistry , Mathematics] सब्जेक्ट से उत्तीर्ण हो
डी फार्मा प्रवेश प्रक्रिया – D.Pharma Admission Process
यदि आप डी फार्मा कोर्स करना चाहते हैं तो आप 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद किसी सरकारी कॉलेज या फिर किसी प्राइवेट कॉलेज से कर सकते हैं , डी फार्मा में प्रवेश आप दो तरीके से पा सकते हैं , ———–
- Entrance Exam – अगर किसी सरकारी कॉलेज से डी फार्मा कोर्स करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होता है क्योंकि एंट्रेंस एग्जाम के मेरिट के आधार पर या एंट्रेंस एग्जाम में प्राप्त अंक के कट ऑफ के आधार पर आपको गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन दिया जाता है
- Direct Admission – डायरेक्ट एडमिशन मतलब बिना एंट्रेंस एग्जाम दिए आप फार्मेसी कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं डायरेक्ट एडमिशन आपके इंटरमीडिएट पीसीबी या पीसीएम सब्जेक्ट के आधार पर हो जाते हैं और इसके अलावा 12वीं कक्षा में आपके प्राप्त अंक कम से कम 45% से 60% होना चाहिए
डी.फार्मा कोर्स फीस – [D.Pharma Course Fee]
यदि हम डी फार्मा कोर्स के फीस की बात करें तो इसकी फीस सभी सरकारी कॉलेज या प्राइवेट कॉलेज में अलग-अलग होती है किसी भी डी फार्मा कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में लगभग 40000 से 45000 के करीब होती है वहीं अगर प्राइवेट कॉलेज की बात करें तो प्राइवेट कॉलेज में इसकी फीस 80000 से 100000 के आस – पास होती है
आप सभी को मैं साफ-साफ यहां पर बता देना चाहता हूं कि आप कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले उस कॉलेज की फीस के बारे में आप पूछताछ कर ले क्योंकि हर प्राइवेट कॉलेज या सरकारी कॉलेज में फीस कम या ज्यादा भी हो सकती है | यह निर्भर करता है कॉलेज के फैसिलिटी , सुविधाओं के ऊपर,
D.Pharma Syllabus Details डी.फार्मा सिलेबस
यह तो आप सभी जानते ही होंगे की डी फार्मा 2 वर्षीय कोर्स है जो आपके प्रथम वर्ष में विषय कुछ इस प्रकार हैं __________
D Pharma 1st Year ———-
Pharmaceutics –
- इस विषय के अंतर्गत दवा , औषधि और अन्य स्वास्थ्य संबंधित उत्पादों का उत्पादन विकसित उत्पन्न करने से संबंधित अध्ययन करते हैं फार्मास्यूटिक्स के विद्यार्थी दवाओं के विभिन्न पहलुओं पर अत्यधिक ध्यान देते हैं जिनमें निम्नलिखित है______
- दवाओं के रसायन विज्ञान: इसमें दवाओं के रसायनिक गुणों का अध्ययन होता है जैसे कि वे कैसे काम करते हैं, उनकी फार्माकोलॉजी और बायोविविधता।
- दवाओं के रोगी विज्ञान: इसमें अधिक ध्यान दिया जाता है कि दवाओं को कैसे उपयोग किया जाना चाहिए, जिसमें उनके प्रभाव, नुकसान, और अधिकतम खुराक शामिल होते हैं।
- दवाओं का उत्पादन और प्रबंधन: इसमें उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण, और विभिन्न दवाओं की टेस्टिंग के बारे में जानकारी होती है।
Pharmaceutical Chemistry –
- फार्मास्यूटिकल केमेस्ट्री के अंतर्गत उत्पाद विकसित करने वाले दवाओं औषधि और चिकित्सा उत्पादन के रसायन शास्त्रीय विधियों का अध्ययन किया जाता है यह उत्पाद विकसित करने में उपयोगी रसायनों की तैयारी अभिकल्पन विकल्प और विकसित करने में सहायक रसायनों का अध्ययन करता है
इस विषय में पाठ्यक्रम अक्सर निम्नलिखित विषयों पर आधारित होते हैं:
- रसायन विज्ञान: रसायन शास्त्र के मूल सिद्धांतों, तत्वों, रासायनिक प्रक्रियाओं, उत्पादों के संरचना, विशेषताओं और रासायनिक विकास के संबंध में अध्ययन किया जाता है।
- फार्मास्यूटिकल रसायन: उत्पाद विकसित करने के लिए उपयोगी रसायनों के संदर्भ में अध्ययन किया जाता है। इसमें से कुछ विषयों में शामिल होते हैं जैसे- संरचना एवं गुणधर्म, रसायनिक विकास, रसायनिक अभिक्रियाएँ, रसायन उपस्थिति आदि।
Pharmacognosy –
फ़ार्मेकोग्नोसी) के अंतर्गत औषधियों के वानस्पतिक, रासायनिक तथा भौतिक लक्षणों का अध्ययन किया जाता है। भेषजी (Pharmacy / फ़ार्मेसी) के अंतर्गत औषधियों को एकमित कर उन्हें मात्रक तथा मानक रूप दिया जाता है।
Human Anatomy & Physiology –
“शरीर रचना विज्ञान (एनाटामी) चिकित्सा-विज्ञान की वह शाखा है जिसमें शरीर की रचना एवं उसके विभिन्न अंगों के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है तथा शरीर क्रिया विज्ञान (फिशियोलाजी) चिकित्सा-विज्ञान की वह शाखा है जिसमें शरीर में संपन्न होने वाली क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
Social Pharmacy –
इसके तहत डिप्लोमा इन फार्मेसी का कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को अब सोशल फार्मेसी के तहत टीकाकरण, जननी-शिशु सुरक्षा, परिवार कल्याण का पाठ पढ़ना होता है । डॉक्टर की लिखी स्लिप को पढ़ने, मेडिकल डिवाइस को मेन्टेन रखने के साथ पेशेन्ट काउंसलिंग का विशेष प्रशिक्षण भी पढ़ना होता है।
D.Pharma 2nd Year
Pharmacology –
फार्मोकोलॉजी में शारीरिक अवयवों पर ओषधियों के प्रभाव को औषधशास्त्र या ‘भेषजगुण विज्ञान’ (फ़ार्माकॉलोजी) कहते हैं। प्राचीन काल में यह केवल उन वनस्पति पदार्थो का संकलन मात्र था जिनको रोगों में लाभ पहुँचाने वाला समझा जाता था। कई वर्षो तक इसका नाम ‘मैटीरिया मेडिका’ रहा।
Community Pharmacy & Management –
इस कोर्स के दौरान फार्मा कॉन्सेप्ट्स के साथ प्रबंधन यानि मैनेजमेंट भी पढ़ाया जाता है. इसमें हेल्थ और केमिकल साइंस के साथ मेडिसिन के उपयोग और उसकी सुरक्षा के बारे में बताया जाता है. कोर्स के दौरान मेडिसिन डेवलपमेंट, रिसर्च, फार्मा एडमिनिस्ट्रेशन और नर्सिंग की जानकारी दी जाती है.
Biochemistry & Clinical Pathology –
बायोकेमिस्ट्री, विज्ञान की वह शाखा है जो जीवों के शरीर में रासायनिक संरचना और प्रक्रिया का अध्ययन करती है। वहीं क्लीनिकलबायोकेमिस्ट्री, बायोकेमिस्ट्री की वह शाखा है जो मानव शरीर में रासायनिक संरचना और प्रक्रिया का अध्ययन करती है।
Pharmacotherapeutics –
फार्माकोथेरेप्युटिक्स एक अन्य विज्ञान है जो दवाओं और अन्य चिकित्सा उत्पादों के उपयोग से संबंधित होता है। यह विज्ञान दवाओं के उपयोग से संबंधित रोगों के इलाज के विषय में अध्ययन करता है। फार्माकोथेरेप्युटिक्स का उद्देश्य दवाओं के उपयोग के माध्यम से रोगों के इलाज का अध्ययन करना होता है।
फार्माकोथेरेप्युटिक्स में निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित होता है:
- दवाओं के उपयोग से संबंधित रोगों के इलाज की अध्ययन एवं विकास.
- दवाओं की संरचना, रसायन गुणधर्म और फार्माकोलॉजी: इसमें दवाओं की रसायन विश्लेषण, संरचना और उनके फार्माकोलॉजिकल गुणधर्म के विषय में अध्ययन किया जाता है।
दवाओं के अध्ययन एवं विकास: इसमें नई दवाओं के उत्पादन, उनके उपयोग की तकनीकों, उनके फार्माकोकिनेटिक विश्लेषण, उनके उपयोग से संबंधित रोगों के इलाज के विषय में अध्ययन करना होता है।
Hospital & Clinical Pharmacy –
आसान भाषा में इस विषय के अंतर्गत हॉस्पिटल या अन्य किसी clinic आदि में किस प्रकार मरीजों की देखभाल की जाती है, किस प्रकार उन्हें दवाइयां दी जाती है, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है, उन्हें बीमारियां होने से बचाने के तरीकों आदि जैसी चीजों के बारे में पढ़ाया जाता है।
Pharmacy Law & Ethics –
फार्मेसी लॉ एंड एथिक्स दवाओं और उनके वितरण, विक्रय और उपयोग के विषय में कानूनी एवं नैतिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। और किस प्रकार से नई दवाइयों का आविष्कार किया जाए, कौन से रोग के लिए कौन सी दवा बेहतर रहती है, और उसे किस तरह लेने पर सबसे ज्यादा effective रहती है, इत्यादि का अध्ययन इसी विषय के अंतर्गत किया जाता है। फार्मेसी लॉ एंड एथिक्स विज्ञान का एक महत्वपूर्ण अंग है जो दवाओं के बिक्री, उनके उपयोग से संबंधित रोगों के इलाज, औषधि सुरक्षा और अधिक विषयों पर ध्यान केंद्रित होता है।
फार्मेसी लॉ एंड एथिक्स में निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित होता है:
- दवाओं के नियमित वितरण, उनके बिक्री और अधिकारिक निर्धारण: इसमें दवाओं की बिक्री, वितरण, रजिस्ट्रेशन, प्रतिबंधित औषधियों और विवादित दवाओं के विषय में अध्ययन किया जाता है।
- दवाओं के उपयोग से संबंधित नैतिक मुद्दे: इसमें दवाओं के उपयोग से संबंधित नैतिक मुद्दों, उनके उपयोग से संबंधित अधिकार, उनके नियमित उपयोग से संबंधित नियम, विवादों और नियमों के विषय में अध्ययन किया जाता है
डी फार्मा कोर्स कैसे करें (How to do D.Pharma Course)
डी फार्मा कोर्स करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपकी 12वीं कक्षा फिजिक्स केमेस्ट्री बायोलॉजी या फिजिक्स केमेस्ट्री, मैथमेटिक्स सब्जेक्ट होना चाहिए और साथ ही इंटरमीडिएट में आपका 45% से 60% प्राप्तांक होना चाहिए |
- यदि आप किसी सरकारी कॉलेज से डी फॉर्मा करना चाहते हैं तो आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होगा और एंट्रेंस एग्जाम में आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने होंगे क्योंकि सरकारी कॉलेज में प्रवेश आपके एंट्रेंस एग्जाम की योग्यता के आधार पर ही की जाती है और साथ हैं सरकारी कॉलेज की फीस भी कम होती है
- इसी के साथ मैं बता दूं की अगर आप किसी निजी कॉलेज से यानी प्राइवेट कॉलेज से डी फार्मा कर रहे हैं तो सरकारी कॉलेज की तुलना में निजी कॉलेज की काफी अधिक होती है और प्राइवेट कॉलेज में आप डायरेक्ट एडमिशन भी ले सकते हैं बिना एंट्रेंस एग्जाम दिए
- यदि आप डी फार्मा कोर्स करने के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया है तो आपको इस कोर्स की पढ़ाई दो वर्ष करनी होती है
- यदि आप डी फार्मा कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तो आपको 3 महीने के लिए इंटरशिप यानी हॉस्पिटल ट्रेनिंग करनी होती है इंटरशिप कंप्लीट होने के बाद आपको डी फॉर्मा का प्रमाण पत्र दिया जाता है
- और इसी के साथ मैं आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात बता देना चाहता हूं कि डी फार्मा कंप्लीट होने के बाद आपको अपने रजिस्ट्रेशन के लिए पीसीआई के द्वारा लागू किए गए एग्जिट एग्जाम को भी पास आउट करना होगा तभी आप का रजिस्ट्रेशन हो पाएगा
डी.फार्मा के बाद सैलरी (Sallary After D.Pharma)
डी फार्मा के बाद सैलरी की बात करें तो फार्मासिस्ट कंपनी की सैलरी उनके अनुभव और राज्य लोकेशन के आधार पर अलग अलग होती है यदि ट्रेनिंग के तुरंत बाद फार्मासिस्ट कंपनी ज्वाइन करने वाले उम्मीदवार को औसतन सैलरी कम से कम ₹25000 के लगभग प्रति महीना मिलता है और जैसे-जैसे उनका अनुभव बढ़ता है उस हिसाब से उनकी सैलरी में बढ़ोतरी की जाती है और अलग-अलग सेक्टर में अलग-अलग सैलरी दी जाती है
कुछ सवाल जवाब (Answer Some Question) –
Ques. क्या D-Pharma किसी दूसरे राज्य से कर सकते हैं ?
Ans – जी हां आप किसी भी राज्य से डी फार्मा कर सकते हैं क्योंकि डी फार्मा का सिलेबस ऑल ओवर इंडिया के लिए सेम होता है और इसी के साथ ध्यान रहे कि आप जिस कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं उस कॉलेज का अप्रूवल पीसीआई से जरूर होना चाहिए अन्यथा वह एक फेक कॉलेज है |
Ques . डी फार्मा कितने साल का कोर्स होता है ?
Ans. – डी फार्मा 2 साल 3 महीने का कोर्स होता है जिसमें 3 महीने की इंटरशिप यानी हॉस्पिटल ट्रेनिंग होती है
Ques – डी फार्मा के लिए प्रवेश परीक्षा के सिलेबस क्या है ?
Ans. – डी फार्मा के प्रवेश परीक्षा के लिए सिलेबस इंटरमीडिएट लेवल का होता है जैसे फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ और बायोलॉजी इन्हीं विषयों में से प्रश्न पूछे जाते हैं
Ques – डी फार्मा प्रवेश परीक्षा का एग्जाम पैटर्न क्या होता है कितने अंक का प्रश्न आता है ?
Ans. – डी फार्मा प्रवेश परीक्षा में 100 प्रश्न आते हैं जो प्रत्येक प्रश्न चार अंक का होता है , जिसमें एक अंक का नेगेटिव मार्किंग होता है | इसमें टोटल 400 अंक का प्रश्न आता है जिसमें जीव विज्ञान 50 प्रश्न भौतिक विज्ञान से 25 और रसायन विज्ञान 25 प्रश्न आते हैं और यदि मैथमेटिक्स वाले हैं तो मैथमेटिक्स से भी 50 प्रश्न आते हैं |
Ques – डी फार्मा का फॉर्म कब भरा जाता है ?
Ans. – डी फार्मा का फॉर्म विशेष रुप से मई जून के महीने में भरा जाता है वैसे यह अलग अलग राज्य के हिसाब से कुछ आगे पीछे हो सकते हैं |
Ques – डी फार्मा का फुल फॉर्म क्या होता है ?
Ans. – डी फार्मा का फुल फॉर्म डिप्लोमा इन फार्मेसी होता है इसे हिंदी में फार्मेसी में डिप्लोमा कहते हैं |
Ques – डी फार्मा में कुल कितने विषय होते हैं
Ans – डी फार्मा 2 वर्षीय कोर्स है जिसमें प्रथम वर्ष में पांच विषय का अध्ययन करना होता है और द्वितीय वर्ष में 6 विषय का अध्ययन करना होता है कुल 11 विषय होते हैं |
Ques – डी फार्मा एग्जाम पैटर्न क्या होता है ?
Ans – डी फार्मा 2 वर्षीय कोर्स है जिसमें 4 सेमेस्टर होते हैं जिसमें प्रत्येक प्रश्न पत्र 100 अंक का होता है जिसमें 80 अंक का लिखित और 20 अंक का प्रैक्टिकल होता है जिसमें 100 में से आपको पासिंग के लिए 40% लाना अनिवार्य होता है इसमें लिखित परीक्षा में आपका 30 अंक का लॉन्ग आंसर और 30 नंबर का शॉर्ट आंसर और 20 अंक का वस्तुनिष्ठ प्रश्न आते हैं |
डी फार्मा करने के फायदे – (Advantages of Doing D.Pharma)
- डी फार्मा करने के बाद अपना मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं
- डी फार्मा करने के बाद भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी आप नौकरी कर सकते हैं
- डी फार्मा करने के बाद वैज्ञानिक अधिकारी बन सकते हैं
- डी फार्मा करने के बाद फार्मास्यूटिकल कंपनी में नौकरी कर सकते हैं
- डी फार्मा करने के बाद रिसर्च के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं
- डी फार्मा करने के बाद किसी भी कॉलेज या संस्थानों में बच्चों को पढ़ा सकते हैं
- डी फार्मा करने के बाद किसी भी हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट के तौर पर जॉब कर सकते हैं
- डी फार्मा करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं अलग-अलग क्षेत्रों में